इस आर्टिकल में मैं आपको गणेश चालीसा पीडीएफ, Ganesh Chalisa PDF दूंगा जो आपको मदद करेगा हर दिन गणेश चालीसा पढ़ने में क्योंकि आपके पास गणेश चालीसा की एक पीडीएफ रहेगी जिसको देखकर के आप आसानी से गणेश चालीसा का उच्चारण कर पाएंगे।
इस वेबसाइट पर मैं गणेश चालीसा पीडीएफ दिया है जो कि कई लैंग्वेज में उपलब्ध है जैसे की हिंदी इंग्लिश मराठी बेंगली तेलुगू तमिल।
इसके साथ-साथ मैंने गणेश चालीसा पीडीएफ को पढ़ने और निरंतर जब करने पर क्या फायदे होते हैं यह बताया है तथा क्या सही तरीका होता है गणेश चालीसा पीडीएफ पढ़ने का यह भी बताया है मैं आशा करता हूं कि आपको मेरा यह वेबसाइट पसंद आएगा।
Ganesh Chalisa PDF Lyrics (Hindi)
।। श्री गणेश चालीसा ।।
॥ दोहा ॥
जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल ॥
॥ चौपाई ॥
जय जय जय गणपति गणराजू ।
मंगल भरण करण शुभः काजू ॥
जै गजबदन सदन सुखदाता ।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥
वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥
राजत मणि मुक्तन उर माला ।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥
सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।
चरण पादुका मुनि मन राजित ॥
धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।
गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥
ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।
मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।
अति शुची पावन मंगलकारी ॥
एक समय गिरिराज कुमारी ।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥ 10 ॥
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥
अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥
अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥
मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।
बिना गर्भ धारण यहि काला ॥
गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।
पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥
अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।
पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥
बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥
सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥
शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा ।
देखन भी आये शनि राजा ॥ 20 ॥
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।
बालक, देखन चाहत नाहीं ॥
गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥
कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥
पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥
गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥
हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।
काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥
बालक के धड़ ऊपर धारयो ।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥ 30 ॥
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥
चले षडानन, भरमि भुलाई ।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥
धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।
शेष सहसमुख सके न गाई ॥
मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥
अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥ 38 ॥
॥ दोहा ॥
श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान ॥
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,
ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो,
मंगल मूर्ती गणेश ॥
Ganesh Chalisa PDF Meaning in Hindi (अर्थ)
॥ दोहा ॥
जय गणपति सद्गुण सदन, कविवर बदन कृपाल।
हे सभी गुणों से युक्त भगवान श्रीगणेश!! आपकी जय हो, सभी कवि भी आपको कृपा दृष्टि रखने वाला बताते हैं।
विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥
आप हम सभी के कष्टों का निवारण कर हमारा भला करते हो। हे माता पार्वती के दुलारे!! आपकी सदा जय हो।
॥ चौपाई ॥
जय जय जय गणपति गणराजू, मंगल भरण करण शुभ काजू।
हे सभी देवताओं के स्वामी और उनके राजा! आप सभी कार्यों को मंगल कार्य में बदल देते हो, आप सभी का कल्याण करते हो, आपकी सदा जय हो, जय हो, जय हो।
जय गजबदन सदन सुखदाता, विश्वविनायक बुद्धि विधाता।
हे भगवान गणेश!! आपका शरीर हाथी के समान विशाल है, आपकी सदैव जय हो, आप हर घर में सुख व शांति प्रदान करते हो, आप संपूर्ण विश्व के विधाता हो, आप सभी को बुद्धि प्रदान करते हो।
वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन, तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन।
आपकी नाक हाथी के सूंड के समान मुड़ी हुई है जो कि हमारे मन को बहुत सुहाती है। आपके माथे पर लगा तीन धारियों वाला तिलक हर किसी के मन को मोहित कर देता है।
राजत मणि मुक्तन उर माला, स्वर्ण मुकुट सिर नयन विशाला।
आपकी छाती पर रत्नजड़ित मालाएं व आभूषण हैं, आपके सिर पर सोने का मुकुट है और आपकी आँखें भी बड़ी व विशाल है।
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं, मोदक भोग सुगन्धित फूलं।
आपके हाथों में पुस्तक, कुल्हाड़ी (फरसा) व त्रिशूल है तथा आपको मोदक व सुगन्धित फूलों का भोग लगाया जाता है।
सुन्दर पीताम्बर तन साजित, चरण पादुका मुनि मन राजित।
आपने पीले रंग के वस्त्र धारण किये हुए हैं तथा आपके चरण इतने आकर्षक हैं कि ऋषि-मुनियों का मन भी इन्हें देखकर मोहित हो जाता है।
धनि शिव सुवन षड़ानन भ्राता, गौरी ललन विश्व विधाता।
हे भगवान शिव के पुत्र व भगवान कार्तिक के भाई!! आप धन्य हैं। हे माँ पार्वती के पुत्र!! आप विश्व के विधाता हैं।
ऋद्धि सिद्धि तव चंवर डुलावे, मूषक वाहन सोहत द्वारे।
आपकी पत्नियाँ ऋद्धि व सिद्धि सदैव आपकी सेवा में तत्पर रहती हैं तथा आपके दरवाजे पर आपका वाहन मूषक रहता है।
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी, अति शुचि पावन मंगलकारी।
हे प्रभु! आपके जन्म की अतिशुभ कथा सुनना व कहना हर किसी के लिए मंगलकारी है।
एक समय गिरिराज कुमारी, पुत्र हेतु तप कीन्हों भारी।
एक समय पर्वत की पुत्री माता पार्वती ने पुत्र प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या की थी।
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा, तब पहुंच्यो तुम धरि द्विज रूपा।
जब उनकी तपस्या समाप्त हो गयी तब आप वहां ब्राह्मण का वेश बनाकर पहुंचे थे।
अतिथि जानि कै गौरी सुखारी, बहु विधि सेवा करी तुम्हारी।
माता पार्वती ने आपका आतिथ्य-सत्कार किया व आपकी बहुत सेवा की।
अति प्रसन्न ह्वै तुम वर दीन्हा, मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा।
माता पार्वती की सेवा से प्रसन्न होकर आपने उन्हें तपस्या के फलस्वरूप पुत्र होने का आशीर्वाद प्रदान किया।
मिलहिं पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला, बिना गर्भ धारण यहि काला।
आपने माता पार्वती को बिना गर्भ धारण किये स्वयं को पुत्र रूप में प्राप्त होने का आशीर्वाद दिया जिसकी बुद्धि बहुत ही विलक्षण होगी।
गणनायक गुण ज्ञान निधाना, पूजित प्रथम रूप भगवाना।
वह पुत्र सभी देवताओं का राजा होगा और गुणों व ज्ञान का निर्धारण करने वाला होगा। इसके साथ ही सभी भगवानों में वह प्रथम पूजनीय होगा।
अस कहि अन्तर्धान रूप ह्वै, पालना पर बालक स्वरूप ह्वै।
माता पार्वती को यह आशीर्वाद देकर आप अंतर्धान हो गए तथा पालने में एक बालक स्वरुप में बदल गए।
बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना, लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना।
माता पार्वती ने जैसे ही आपको उठाया, आपने एक शिशु की भांति रोना शुरू कर दिया। माता पार्वती ने आपके मुहं की ओर देखा जो कि सुख देने वाला था लेकिन आपका रूप उनके समान नही था।
सकल मगन सुख मंगल गावहिं, नभ ते सुरन सुमन वर्षावहिं।
आकाश से इस दृश्य को देखकर सभी देवतागण नृत्य और मंगलगान करने लगे तथा आकाश से फूलों की वर्षा शुरू हो गयी।
शम्भु उमा बहु दान लुटावहिं, सुर मुनिजन सुत देखन आवहिं।
भगवान शिव व माता पार्वती ने आपके जन्म के उपलक्ष्य में बहुत दान किया। आपको देखने देवता व ऋषि-मुनि आने लगे।
लखि अति आनन्द मंगल साजा, देखन भी आए शनि राजा।
आपके दर्शन करके सभी देवताओं व मुनियों को बहुत ही आनंद आया तथा स्वयं शनि देव भी आपके दर्शन करने पहुंचे।
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं, बालक देखन चाहत नाहीं।
साथ ही शनि देव को अपने अवगुणों के कारण आपको देखने का मन नही कर रहा था ताकि उनकी गलत छाया आप पर ना पड़े।
गिरजा कछु मन भेद बढ़ायो, उत्सव मोर न शनि तुहि भायो।
शनिदेव को भगवान गणेश से मुहं फेरता देखकर माता पार्वती के मन में संदेह उत्पन्न हुआ और उन्होंने शनि देव से कहा कि हमारे यहाँ पुत्र प्राप्ति के उत्सव से क्या तुम प्रसन्न नही हो।
कहन लगे शनि मन सकुचाई, का करिहौ शिशु मोहि दिखाई।
यह सुनकर शनिदेव ने माता पार्वती से हिचकते हुए कहा कि मुझे शिशु को दिखाकर क्या करोगी क्योंकि इससे कुछ अनिष्ट हो जाएगा।
नहिं विश्वास उमा उर भयऊ, शनि सों बालक देखन कहऊ।
इस पर माता पार्वती को विश्वास नही हुआ और उन्होंने शनि देव को शिशु देखने को कहा।
पड़तहिं शनि दृगकोण प्रकाशा, बालक सिर उड़ि गयो आकाशा।
माता पार्वती के कहने पर जैसे ही शनि देव ने भगवान गणेश के शिशु रूप पर दृष्टि डाली, उसी समय शिशु का सिर धड़ से अलग होकर आकाश में उड़ गया।
गिरजा गिरी विकल ह्वै धरणी, सो दुख दशा गयो नहिं वरणी।
अपने शिशु का सिर धड़ से अलग देखकर माता पार्वती इतनी व्याकुल हो उठी कि वे वहीं मूर्छित होकर नीचे गिर पड़ी। उनके दुःख को शब्दों में व्यक्त नही किया जा सकता है।
हाहाकार मच्यो कैलाशा, शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा।
इस घटना से पूरे कैलाश पर्वत पर हाहाकार मच गया और इसका दोष शनिदेव पर लगा कि उनके कारण यह सब हुआ है।
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधाए, काटि चक्र सो गज सिर लाए।
यह दृश्य देखकर उसी समय भगवान विष्णु अपने वाहन गरुड़ पर वहां पहुंचे और अपने सुदर्शन चक्र से हाथी का सिर काटकर ले आये।
बालक के धड़ ऊपर धारयो, प्राण मंत्र पढ़ि शंकर डारयो।
भगवान विष्णु ने उस हाथी के सिर को उस शिशु के धड़ पर रखा और इसके बाद भगवान शिव ने मंत्रों इत्यादि को पढ़कर उसमे पुनः प्राण डाल दिए।
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हें, प्रथम पूज्य बुद्धि निधि वर दीन्हें।
इसके पश्चात भगवान शिव ने आपका नाम गणेश रखा और आशीर्वाद दिया कि संपूर्ण जगत में सर्वप्रथम आपकी पूजा की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने आपको बुद्धि व निधि पाने का वरदान दिया।
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा, पृथ्वी की प्रदक्षिणा लीन्हा।
इसके पश्चात भगवान शिव ने आपकी बुद्धि की परीक्षा लेनी चाही और आपको व भगवान कार्तिक को पृथ्वी की प्रदक्षिणा कर आने को कहा।
चले षड़ानन भरमि भुलाई, रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई।
इतना सुनते ही भगवान कार्तिक तुरंत अपने वाहन पर पृथ्वी का चक्कर लगाने निकल पड़े किंतु आपने बुद्धिमता से काम लिया।
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें, तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें।
आपने उसी समय अपने माता-पिता के चरण स्पर्श किये और उनके चारों ओर 7 बार प्रदक्षिणा कर डाली।
धनि गणेश कहि शिव हिय हरषे, नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे।
आपकी बुद्धिमता को देखकर भगवान शिव का हृदय बहुत प्रसन्न हुआ और उन्होंने आपकी प्रशंसा की तथा आकाश से देवताओं ने पुष्प वर्षा की।
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई, शेष सहस मुख सके न गाई।
हे भगवान श्रीगणेश!! आपकी बुद्धि का बखान तो हजारों मुख मिलकर भी नही कर सकते हैं।
मैं मति हीन मलीन दुखारी, करहुं कौन बिधि विनय तुम्हारी।
हे भगवान श्रीगणेश!! मैं तो बुद्धिहीन हूँ, पापी हूँ, दुखी हूँ, मैं किस युक्ति से आपकी प्राथना करूँ।
भजत राम सुन्दर प्रभुदासा, जग प्रयाग ककरा दुर्वासा।
मैं राम सुंदर आपका दास हूँ और आपके भजन करता हूँ। मेरा तो इस जगत में ककरा नामक गाँव है जहाँ से ऋषि दुर्वासा हुए हैं।
अब प्रभु दया दीन पर कीजै, अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै।
हे प्रभु! अपने इस दीन हीन भक्त पर कुछ दया दिखाइए, अपनी भक्ति व शक्ति मुझे दीजिए।
॥ दोहा ॥
श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करैं धर ध्यान।
नित नव मंगल गृह बसै, लहै जगत सनमान॥
जो भी भक्तगण नियमित रूप से इस श्रीगणेश चालीसा का पाठ करता है, उसके घर में मंगल कार्य होते हैं तथा समाज में प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
सम्वत् अपन सहस्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश।
पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ति गणेश॥

Ganesh Chalisa PDF (गणेश चालीसा के चमत्कार, महत्व, लाभ और पाठ विधि)
हिंदू समाज में यह माना जाता है कि गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है किसी भी काम को करने से पहले क्योंकि यह माना जाता है श्री गणेश जी शुभ का चिन्ह होते हैं इसीलिए भारत में लोग अपने कोई भी बिजनेस या फिर कोई भी नया काम शुरू होने से पहले ओम श्री गणेशाय नमः या फिर गणेश चालीसा का पाठ करते हैं।
Ganesh Chalisa PDF का पाठ करने से आपके आसपास हर चीज सकारात्मक रहेगी और आप नकारात्मक चीजों से दूर रहेंगे इसके साथ-साथ गणेश चालीसा आपके दिमाग को शांत रखने में भी मदद करता है क्योंकि आपके आसपास चीज सकारात्मक होगी तो आपका मन भी शांत रहेगा।
मैं आपको सलाह देना चाहता हूं अगर आप कोई नया काम करना चाहते हैं या सो रहे हैं कृपया करके उसे काम को करने से पहले आप Ganesh Chalisa PDF का पाठ जरूर करें।
Ganesh Chalisa PDF Download
नीचे मैंने कई सारे आर्टिकल का लिंक दिया है जो की Ganesh Chalisa PDF को भिन्न-भिन्न भाषा में लिखा गया है अगर आप हिंदी इंग्लिश तमिल तेलुगू करनाल बंगाली मराठी में गणेश चालीसा पीडीएफ को पढ़ना चाहते हैं तो आप इन लिंक को खोल सकते हैं उन पर क्लिक करके।
Ganesh Chalisa PDF, गणेश चालीसा का पाठ कैसे करें
गणेश चालीसा का उच्चारण सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि कई लोग गणेश चालीसा का उच्चारण गलत तरीके से करते हैं ज्यादातर गणेश चालीसा का उपयोग मंगलवार के दिन या फिर गणेश चतुर्थी के दिन करना चाहिए आप इसका प्रयोग प्रतिदिन कर सकते हैं लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि जब आप गणेश चालीसा पीडीएफ का उपयोग करने जाएं तब आप अपने आसपास के माहौल को शांत रखें और जिस जगह पर बैठकर की गणेश चालीसा पीडीएफ का पाठ करना चाहते हैं उसे जगह को स्वच्छ बनाएं उसके बाद ही गणेश चालीसा का उच्चारण करें।
Ganesh Chalisa Audio & Video
Ganesh Chalisa PDF पीडीएफ का ऑडियो वर्जन मैं इस पैराग्राफ में दिया है उसके साथ-साथ मैंने एक यूट्यूब वीडियो का लिंक भी दिया है अगर आप चाहते हैं कि आप सिर्फ गणेश चालीसा पीडीएफ का ध्वनि सुन या फिर विजुअल फॉर्मेट देखें तो आप उसका भी प्रयोग कर सकते हैं हमारी वेबसाइट पर नीचे क्लिक करके।
FAQs on Ganesh Chalisa PDF
क्या Ganesh Chalisa PDF हमारे जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालेगा?
जी हां अगर आप नियमित तौर पर गणेश चालीसा पीडीएफ का प्रयोग करते हैं तो यह आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव जरूर डालेगा।
क्या बड़े और बच्चे दोनों गणेश चालीसा का प्रयोग कर सकते हैं?
जहां तक मेरा मानना है गणेश चालीसा पीडीएफ का प्रयोग करना बहुत अच्छी बात है तो इसमें किसी प्रकार का उम्र निश्चित नहीं है हर कोई इसका प्रयोग कर सकता है।
हम कैसे डाउनलोड कर सकते हैं गणेश चालीसा पीडीएफ?
अगर आप गणेश Ganesh Chalisa PDF चालीसा पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड बटन पर क्लिक कर सकते हैं वहां से आप गणेश चालीसा का पीडीएफ वर्जन डाउनलोड कर सकते हैं।
Conclusion
मैं उम्मीद करता हूं आपको मेरा यह वेबसाइट पसंद आएगी Ganesh Chalisa PDF Download के ऊपर अगर आप चाहते हैं कि मैं ऐसी कई वेबसाइट बनाऊं जैसे दुर्गा चालीसा शनि चालीसा हनुमान चालीसा शिव चालीसा तो आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं और अगर आपको किसी प्रकार की मदद चाहिए इस मुद्दे से रिलेटेड तो आप हमें कांटेक्ट भी कर सकते हैं हमारी ऑफिशल मेल आईडी पर इसके लिए आपको हमारे अबाउट या फिर कंडक्टर्स पेज को विकसित करना होगा।
तो चलिए इस आर्टिकल का समापन करते हैं तो सारे बोलिए “गणपति बप्पा मोरिया”.